Tuesday, September 11, 2007

सरकार के खिलाफ

विसर्जन की ऐसी तस्वीरों के खिलाफ सरकार ने पाबंदी लगा रखी है ... पर मैं इन तस्वीरों को छापकर इस बंदिश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराता हूं ... हिम्मत है तो पहले ऐसे विसर्जन के खिलाफ पाबंदी लगाइये....

3 comments:

Aradhana said...

जब तक पूजा होती है तब तक यही मूर्तियां कितनी पावन और पूजनीय लगती हैं लेकिन विसर्जन की विभीषिका से गुजरने के बाद यहीं मूर्तियां कितनी दयनीय लगने लगती है। सर्वसाधारण की सुनने वाली इन मूर्तियों की ये अनसुनी पुकार कब सुनेगी सरकार। सुन रहे हैं ना....

Rajesh Tripathi said...

घर में जलाते हैं भगवान पर की मुर्तियों पर सुगंधित अगरबत्तियां और जब घर की करते हैं सफाई तो सड़कों पर फेंके जाते हैं भगवान और पैरों से कुचले जाते हैं भगवान। इन मुर्तियों की तस्वीरें देखकर याद आई मेरी लिखी कविता। अनुराग जी पाबंदी मत लगवाइएं भगवान बनाने वालों की रोजी रोटी छिन जाएंगी।

Kartikey Swami said...

Nischit roop se pratima sthapak pratima ke sath apni bhavnaye aur shraddha bhi visarjit kar jate hain.

Rahi baat visarjan ke tarike ki to vishaal pratimaon ke visharjan ki vishesh vyavasth karna hindu dharm ke jhandabardaron ke jimme nahin chhodi ja sakati ye to sabhi jante hai.

kya lal baug ke raja ko lakhon rupayon ka chadawa arpit karne wale shraddhaluon ka dhyan is or kabhi nahin gaya........

yadi nahin to unhe aisi kathor sachchai darshane wali photos dikhana hoga.