Monday, February 27, 2012

दस साल पहले ...



कुछ चीख़ें सुनी थी हमनें ...
दस साल पहले ...
कुछ लोग ज़िंदा जले थे
दस साल पहले ...
कुछ गोलियाँ भी चली थीं ...
दस साल पहले ...

कोई नहीं जानता कहां से आई थी वो चीख़ें ...
कोई नहीं जानता किसने मारा था उन्हें ...
कोई नहीं जानता किसने चलाई थी वो गोलियां ...
कोई कुछ नहीं जानता ।
सिवाए ... इसके कि कुछ लोग ज़िंदा हैं ... सालों से ... सालों तक रहेंगे ...
ये जानने के लिए ... जवाब मांगने के लिए ...
बस, इतना ही ।

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